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शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram): भगवान शिव के महात्म्य का अद्भुत गान

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram)

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~ जय महादेव ~

इस लेख में शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) संस्कृत भाषा में दिया गया है। आप निचे दी गयी विषय सूचि से सीधे इसे चुन कर पढ़ सकते हैं।

भगवान शिव, भगवान विष्णु, और भगवान ब्रह्मा – ये तीनों ही हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं, और इनमें से भगवान शिव का स्थान अति महत्वपूर्ण है।

भगवान शिव सर्वोच्च होने के पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं जो ब्रह्मांड के निर्माण, संरक्षण, विघटन और मनोरंजन की चक्रीय प्रक्रिया को फिर से बनाने के लिए लगातार काम करते हैं।

शिव जी को ‘भोलेनाथ’ के रूप में पुकारा जाता है, जो कि उनके भोले-प्रेम भाव व्यक्तित्व को प्रकट करता है।

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram), एक अद्वितीय स्तोत्र, भगवान शिव की महिमा और उनके प्रति श्रद्धांजलि के रूप में हमारे लिए है। शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) भगवान् शिव को प्रसन्न करने के लिए रचित आठ श्लोकों का एक स्तोत्र है।

इस लेख में, हम इस अद्वितीय स्तोत्र को गहराई से समझेंगे और शिव भगवान के प्रति हमारे भक्ति और समर्पण के प्रति हमारी भावनाओं को व्यक्त करेंगे। आनंदपूर्वक शांत मन से इनका पाठ करें और इन्हें जानें।

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) स्तोत्र क्या है?

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) भगवान शिव के सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक है जो लिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा के महत्व को बताता है।

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) नाम स्पष्ट रूप से अर्थ देता है कि यह एक अष्टकम (आठ श्लोक) है जो शिव लिंगम की महानता और इसकी पूजा के साथ-साथ महान भगवान शिव के कई पहलुओं को समझाने के लिए काव्यात्मक तरीके से लिखा गया है।

यह दर्शाता है कि लिंगम की पूजा करने से आपको कैसे मदद मिल सकती है।

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) स्तोत्र किसने लिखा है?

इस सुंदर शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) की रचना किसने की, इसका श्रेय देने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं है। हालांकि, कई लोग मानते हैं कि इसे श्री आदि शंकराचार्य ने लिखा था।

अष्टकम लिखने के उनके काव्यात्मक तरीके को देखते हुए और शंकराचार्य द्वारा रचित शिव पंचाक्षर स्तोत्र के साथ मेल खाने वाले फलस्तुति को देखते हुए, यह माना जाता है कि यह उनके द्वारा लिखा गया है।

हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि यह उनका काम नहीं था और कहते हैं कि शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) अपनी तिथि से बहुत पुराना है, और इसका श्रेय महा मुनि अगस्त्य को दिया जाता है।

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) का पाठ

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) का पाठ करने से भक्त के मन में शांति, सुख, और आत्मा के प्रति गहरी भावना उत्पन्न होती है।

यह स्तोत्र हमें भगवान शिव के महत्वपूर्ण गुणों की स्मृति दिलाता है और हमारे जीवन को शांति और सांत्वना से भर देता है।

अगर आप भगवान शिव के प्रति अपने आप को सम्पूर्ण रूप से समर्पित करना चाहते हैं, तो शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) का पाठ आपके लिए उपयुक्त हो सकता है।

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) के पाठ की विधि:

  • एक शांत और पवित्र स्थान पर नहा-धोकर बैठें, जहां मन में शुद्धता की भावना जग सके।
  • शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) का पाठ पूरे ध्यान से करें। जब आप स्तोत्र का पाठ कर रहे होते हैं, तो शिव भगवान की मूर्ति या फोटो को ध्यान से देखें और उनके प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति की भावना को व्यक्त करें।
  • स्तोत्र का पाठ करने के बाद, अपने मन में शिव भगवान के प्रति अपनी दास भावना को व्यक्त करें, और उनके प्रति अपने समर्पण की भावना करें।

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम के लाभ (Benefits of Shiv Lingashtakam Stotram)

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) का नियमित पाठ भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है।

एक भक्त को सर्वोच्च भगवान से जुड़ने और वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए शिव चित्र या शिवलिंग के सामने सुबह और शाम को इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) के पाठ के कई शारीरिक और मानसिक लाभ हैं:

  • शांति और सुख: इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक चिंताएँ कम होती हैं और मानसिक शांति की अनुभूति होती है।
  • आत्मा की उन्नति: इस स्तोत्र के माध्यम से भगवान शिव के आदर्शपूर्ण चरित्र को स्मरण करके, हम अपनी आत्मा की उन्नति की ओर कदम बढ़ाते हैं।
  • भक्ति और समर्पण: इस स्तोत्र के पाठ से हम भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण की भावना कर सकते हैं और उनके प्रति अपने आदर्शपूर्ण भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं।

सम्पूर्ण शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram)

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निष्कर्ष

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram) एक अद्वितीय स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और हम में उनके प्रति भक्ति और समर्पण की भावना दिलाता है।

इस स्तोत्र का पाठ करने से हम अपने जीवन को भगवान शिव के मार्ग पर अग्रसर कर सकते हैं और उनके प्रति अपनी श्रद्धा को और भी मजबूत कर सकते हैं।

इसके साथ ही, हमारे मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है और हम अपने जीवन को एक नई ऊँचाइयों तक पहुँचाते हैं।

जय भोलेनाथ !

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Shiv Lingashtakam Stotram In Sanskrit) – [VIDEO]

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