हिन्दू धर्म के प्रमुख पुराणों में से एक है "शिव पुराण"। यह पुराण भगवान शिव की महत्वपूर्ण कथाओं, उपदेशों, और महत्व के बारे में है।

भगवान शिव को देवों के देव - महादेव भी कहा जाता है। वे सभी देवों में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। शिव जी का न कोई आदि है न अंत है। वे इस सृष्टि से पहले भी थे और सृष्टि के बाद भी होंगे।

समुद्र मंथन के समय भगवान शिव वहां आकर के विश्व के कल्याण के लिए उस विष को ग्रहण करते हैं और माँ पार्वती अपने हाथ से शिव जी के कंठ पर उस विष को रोकती हैं।

शिव पुराण में भस्मासुर की कथा वर्णित है।

काम देव के उदंड कार्य को देख कर भगवान शिव ने अपने तीसरे ज्ञानचक्षु से काम देव को भस्म कर दिया था।

शिव पुराण में काशी क्षेत्र की महत्वपूर्ण कथा है, जो काशी के महत्व को बताती है।

शिव पुराण में भगवान शिव के अद्भुत रूपों का वर्णन किया गया है, जिनमें भैरव, उग्र, आदि शामिल हैं।

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