गरुड़ पुराण (Garud Puran) एक प्राचीन हिन्दू ग्रंथ है जिसमें मृत्यु और आत्मा के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।

गरुड़ देव ने श्री भगवान से मृत्यु के बारे में कई महत्वपूर्ण प्रश्न किये जिनका उत्तर भगवान विष्णु ने गरुड़ जी को विस्तारपूर्वक दिया। इन्हीं को वेद व्यास जी ने गरुड़ पुराण में वर्णित किया है।

जो व्यक्ति मोह से ग्रस्त होता है और शरीर छूटने पर भी शरीर के मोह का त्याग नहीं कर पाया होता, उसकी आत्मा को मृत्यु लोक से मुक्त होने में समय लग जाता है।

गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा का जीवन अनवरत रूप से चलता रहता है। यह आत्मा के कर्मों के आधार पर उसके अगले जन्म की ओर बढ़ता है।

हिन्दू धर्म ग्रंथों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि मृत व्यक्ति की आत्मा कम से कम 13 दिनों तक अपनों के बीच में रहती है। इसलिए उसे यह गरुड़ पुराण का पाठ सुनाया जाता है।

गरुड़ पुराण के अनुसार, जीवन के रहते हुए हमें आत्मा को मोक्ष प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ाने का अवसर प्राप्त होता है।

गरुड़ पुराण हमें आध्यात्मिकता के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदान करती है। इस ग्रंथ के माध्यम से हम अपने जीवन को धार्मिकता, मोक्ष, और आत्मा के महत्व की दिशा में समझ सकते हैं।

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