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भगवान विष्णु को समर्पित एक अद्भुत और पौराणिक स्तोत्र, ‘विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra)‘, हमारी हिन्दू धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह स्तोत्र संस्कृत भाषा में है। अगर आप कन्नड़ या तमिल भाषा में विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र को पढ़ना चाहते हैं तो यहाँ पर पढ़ सकते हैं।
कन्नड़ में पढ़ें – ವಿಷ್ಣು ಸಹಸ್ರನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರ (Vishnu Sahasranama Stotra Lyrics In Kannada)
तमिल में पढ़ें – விஷ்ணு சஹஸ்ரநாம ஸ்தோத்ரம் (Vishnu Sahasranama Stotra Lyrics In Tamil)
यह स्तोत्र विष्णु भगवान की महिमा, शक्तियों, और गुणों की महाकाव्य में पिरोयी गयी अद्वितीय प्रशंसा करता है और हमें उनके प्रति भक्ति और श्रद्धा भाव के साथ आकर्षित करता है।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) एक संस्कृत स्तोत्र है जिसमें भगवान विष्णु के 1,000 नामों की सूची है। यह हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और लोकप्रिय स्तोत्रों में से एक है।
भगवान विष्णु हिंदू धर्म में मुख्य देवताओं में से एक और वैष्णववाद में सर्वोच्च भगवान हैं।
विष्णु सहस्रनाम महाकाव्य महाभारत के अनुषासन पर्व में पाया जाता है। यह भगवान विष्णु के 1,000 नामों का सबसे लोकप्रिय संस्करण है।
अन्य संस्करण पद्म पुराण, स्कंद पुराण और गरुड़ पुराण में मौजूद हैं। एक सिख संस्करण भी है, जो सुंदर गुटका पाठ में पाया जाता है।
इस लेख में, हम विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) के महत्व, अर्थ, और फायदों के बारे में जानेंगे। विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) निचे इस लेख में दिया गया है। शांत और आनंदपूर्वक मन से इसका पाठ करें।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) का महत्व
- धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व: विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra), भगवान विष्णु की प्रशंसा का अद्वितीय माध्यम है और यह भक्तों के लिए आध्यात्मिक साधना का हिस्सा है।
- दिव्य गहन ज्ञान: स्तोत्र में विष्णु जी के सौ नामों के अर्थ और महत्वपूर्ण गुणों का वर्णन किया गया है, जिससे भक्त उनके दिव्य स्वरूप को समझ सकते हैं।
- मानसिक शांति और आत्मा का संयम: स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति मानसिक चिंताओं से मुक्ति प्राप्त करता है और अपनी आत्मा को संयमित रखता है।
- रोगों का उपचार: विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) का पाठ करने से रोगों का निवारण होता है और व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) का अर्थ
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) का अर्थ है ‘विष्णु जी के एक हज़ार नाम’। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के विभिन्न गुणों, रूपों, और महिमा का वर्णन करता है और इस स्तोत्र को भक्ति भाव से पढ़ा जाता है।
यह स्तोत्र भक्तों के लिए एक दिव्य पाठ है जिसमें भगवान विष्णु की उच्चतम महिमा का वर्णन किया गया है।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) के लाभ
- भगवान की प्राप्ति: इस स्तोत्र के पाठ से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति उनका संरक्षण महसूस करता है।
- कर्मफल की प्राप्ति: स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के कर्मों का फल भी बेहतर होता है और वह उनमें सफलता प्राप्त करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस स्तोत्र के पाठ से भक्त अपनी आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ता है और आत्मा के गहरे आध्यात्मिक अर्थ को समझता है।
- शांति और समृद्धि: विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) के पाठ से व्यक्ति को मानसिक शांति और समृद्धि मिलती है। वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है और खुशहाल जीवन जीता है।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) की विशेषत
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) का उल्लेख महाभारत के अनुशासन पर्व में आता है। इसके अलावा, यह स्तोत्र विभिन्न पुराणों और पौराणिक ग्रंथों में अति महत्वपूर्ण माना गया है।
इस स्तोत्र को भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर से कहा था जब वो बाण शय्या पर लेटे हुए थे। दोनों के बीच एक लम्बी वार्ता हुयी थी जिसमें भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को भगवान विष्णु की दिव्य महिमा के बारे में बताया था।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) का पाठ कैसे करें?
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) का पाठ करने के लिए कुछ सामान्य नियम होते हैं। आप इनका पालन कर सकते हैं।
- शुद्धि: पाठ करने से पहले व्यक्ति को शुद्धि धारण करनी चाहिए, जिसमें वह नहाता है और स्वच्छ कपड़े पहनता है।
- स्थान: स्तोत्र का पाठ ध्यान से बैठकर स्वच्छ स्थान पर किया जाता है।
- समय: सबसे शुभ समय सुबह की प्रारम्भ घड़ी को माना जाता है, लेकिन व्यक्ति इसे किसी भी समय पढ़ सकता है जो उसके लिए उचित हो।
- ध्यान: स्तोत्र के पाठ के दौरान व्यक्ति को विष्णु भगवान के रूप का ध्यान करना चाहिए और पूर्ण भक्ति और श्रद्धा के साथ पाठ करना चाहिए।
सम्पूर्ण विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra)
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|| हरी ॐ ||
~ ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः ~











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निष्कर्ष
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) एक महत्वपूर्ण पौराणिक स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है। इसके पाठ से भक्ति, शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) भगवान विष्णु के अत्यंत महत्वपूर्ण स्तुति है जो हमारे आध्यात्मिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह स्तोत्र हमारी संस्कृति का हिस्सा है और हम में भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा का बढ़ावा करता है।
इसके पाठ से हम भगवान के गुणों और महिमा को समझते हैं और उनके प्रति अपनी भक्ति को और भी मजबूत करते हैं।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Vishnu Sahasranama Stotra) के पाठ से हमारा मानसिक और आत्मिक विकास होता है और हम अपने जीवन में सफलता, शांति, और सुख की ओर बढ़ते हैं।
इसलिए, हमें इस महत्वपूर्ण स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए और भगवान विष्णु के प्रति अपनी श्रद्धा को मजबूत करना चाहिए।
ॐ विष्णवे नमः !