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Shani Aarti Lyrics (शनि आरती)
शनिवार का दिन शनि या शनि ग्रह को समर्पित होता है, इसलिए सप्ताह के छठे दिन को हिंदी में शनिवार कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस ग्रह का बहुत महत्व है। कई लोग शनिवार का व्रत रखते हैं लेकिन क्या आप इसे सही रीति-रिवाजों के साथ सही तरीके से रख रहे हैं?
शनि ग्रह दीर्घायु, एकाग्रता, तपस्या, प्रतिबंध और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करता है। यह रोग, बुढ़ापा और मृत्यु का प्रतीक है। ज्योतिषियों द्वारा इसे इतना शक्तिशाली माना जाता है कि उनके अनुसार यह ग्रह आपके जीवन या अन्य घटनाओं को नष्ट या बाधित कर सकता है। ग्रह के देवता शनि देव हैं।
Shani Vrat Katha In Hindi (शनि व्रत कथा) के बाद Shani Aarti Lyrics (शनि आरती) करनी चाइये।
Benefits of Shani Aarti (शनि आरती के लाभ)
शनिवार व्रत, शनि व्रत कथा और Shani Aarti (शनि आरती) के लाभ इस प्रकार हैं।
- भयानक ग्रह शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने या दूर करने में शनिवार के शनिवार व्रत और Shani Aarti (शनि आरती) बहुत सहायक होते हैं।
- शनि की साढ़े साती की अवधि भी एक परीक्षा का समय है और इस दौरान शनिवार व्रत और आरती को करने से काफी राहत मिलती है।
- शनिवार व्रत और शनि आरती करने से जन्म कुंडली में खराब शनि, शनि दशा भुक्ति या नीच शनि के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।
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Shani Aarti Lyrics (शनि आरती)
|| शनि जी की आरती ||
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव…
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव…
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव…
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव…
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
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