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Sai Baba Aarti (साई बाबा जी की आरती) Lyrics

Sai Baba Vrat Katha (साई बाबा व्रत कथा) In Hindi Sai Baba Aarti (साई बाबा जी की आरती) Lyrics

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Sai Baba Aarti (साई बाबा जी की आरती) Lyrics

शिरडी साईं बाबा सबसे लोकप्रिय, धार्मिक और आध्यात्मिक संतों में से एक हैं, जिनके सभी धर्मों के अनुयायी और शिष्य हैं। हर साल हजारों लोग साईं के धाम शिरडी धाम में उनका आशीर्वाद लेने आते हैं। साईं बाबा को एक गुरु या दिव्य संत के रूप में पूजा जाता है, जिनकी बुद्धि ने सभी को नैतिक और आदर्श जीवन जीने का तरीका दिखाया।

साईं बाबा ने लोगों को भगवान के प्रति भक्ति के महत्व के बारे में भी सिखाया। साईबाबा की पूजा उनके भक्तों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। साईं बाबा तीन साल तक शिरडी में रहे और फिर एक साल के लिए गायब हो गए और 1858 में स्थायी रूप से शिरडी लौट आए।

शिरडी के साईं बाबा (शिरडी के साईंबाबा) को शिरडी साईं बाबा के नाम से भी जाना जाता है। वह एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे जिन्हें उनके भक्तों द्वारा एक संत और एक फकीर के रूप में माना जाता है।

साईंबाबा को उनके हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्तों द्वारा उनके जीवनकाल के दौरान और बाद में भी सम्मानित किया जाता है। साईबाबा की उत्पत्ति अभी भी अज्ञात है लेकिन कुछ संकेतों के अनुसार, उनका जन्म शिरडी से बहुत दूर नहीं हुआ था।

उनका असली नाम अज्ञात है, लेकिन साईं नाम उन्हें म्हालसापति (उनके शिष्य) द्वारा दिया गया था जब वे शिरडी (महाराष्ट्र, भारत का एक शहर) पहुंचे।

साईं बाबा नाम एक संत पिता, पवित्र पिता या एक (आदरणीय) बूढ़े व्यक्ति को दर्शाता है। उन्होंने शिरडी में समाधि ली और उसके बाद इस स्थान को श्री समाधि मंदिर या शिरडी साईं बाबा मंदिर के नाम से जाना गया।

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Benefits of Sai Baba Aarti (साई बाबा जी की आरती के लाभ)

Sai Baba Vrat, Sai Baba Vrat Katha (साई बाबा व्रत कथा) और Sai Baba Aarti (साई बाबा जी की आरती) के अद्वितीय लाभ इस प्रकार हैं।

  • Sai Baba Vrat, Sai Baba Vrat Katha (साई बाबा व्रत कथा) और Sai Baba Aarti (साई बाबा जी की आरती) किसी के जीवन में सुधार के लिए साईं बाबा का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है।
  • यह जीवन को गतिशील रूप से बेहतर बनाता है और मन की महान शांति का अनुभव किया जा सकता है। साईं बाबा अपने भक्तों को उनकी समस्याओं का सामना करने और जीवन की बाधाओं को हराने में मदद करते हैं।
  • साईं बाबा हर भक्त पर कृपा करते हैं और व्यक्तिगत स्तर पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। वे अपने भक्तों के हृदय में सदैव विद्यमान रहते हैं।
  • साईं पूजा भक्तों को जीवन में सफल होने में मदद करती है।
  • साईं पूजा भक्त की आत्मा को प्रबुद्ध करती है और उन्हें मोक्ष का मार्ग दिखाती है।

जो कोई श्री साईं बाबा का व्रत पूरे विधि विधान और श्रद्धाभाव से करता है उन्हें पुत्र प्राप्ति, कार्य सिद्धि, मनचाहा जीवनसाथी, व्यापार में वृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। कहा जाता है यह व्रत रखने से खोया धन वापस मिल जाता है, शत्रु से रक्षा होती है, पति का खोया प्रेम वापस मिलता है, परीक्षा में सफलता एवं रोग का निवारण होता है। इतना ही नहीं साईं व्रत पूजा से साईं दर्शन, मन की शान्ति, तथा सभी मनोवांक्षित फलों की प्राप्ति होती है।

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Sai Baba Vrat Katha (साई बाबा व्रत कथा) In Hindi

Sai Baba Aarti (साई बाबा जी की आरती) (1)

|| साई बाबा जी की आरती ||

ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥
शिरडी में अवतरे, ॐ जय साईं हरे॥ ॐ जय…॥

दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे।
फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥
कारज सब के करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय…॥

काकड़ आरत भक्तन गावें, गुरु शयन को चावड़ी जावें।
सब रोगों को उदी भगावे, गुरु फकीरा हमको भावे॥
भक्तन भक्ति करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय…॥

हिन्दु मुस्लिम सिक्ख इसाईं, बौद्ध जैन सब भाई भाई।
रक्षा करते बाबा साईं, शरण गहे जब द्वारिकामाई॥
अविरल धूनि जरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय…॥

भक्तों में प्रिय शामा भावे, हेमडजी से चरित लिखावे।
गुरुवार की संध्या आवे, शिव, साईं के दोहे गावे॥
अंखियन प्रेम झरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय…॥

ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
शिरडी साईं हरे, बाबा ॐ जय साईं हरे॥

श्री सद्गुरु साईंनाथ महाराज की जय॥

Sai Baba Aarti (साई बाबा जी की आरती) (2)

|| साई बाबा जी की आरती ||

आरती श्री साईं गुरुवर की |
शिर्डी साईं बाबा आरती परमानन्द सदा सुरवर की ||

जा की कृपा विपुल सुखकारी |
दुःख, शोक, संकट, भयहारी ||

शिरडी में अवतार रचाया |
चमत्कार से तत्व दिखाया ||

कितने भक्त चरण पर आये |
वे सुख शान्ति चिरंतन पाये ||

भाव धरै जो मन में जैसा |
पावत अनुभव वो ही वैसा ||

गुरु की उदी लगावे तन को |
समाधान लाभत उस मन को ||

साईं नाम सदा जो गावे |
सो फल जग में शाश्वत पावे ||

गुरुवासर करि पूजा – सेवा |
उस पर कृपा करत गुरुदेवा ||

राम, कृष्ण, हनुमान रूप में |
दे दर्शन, जानत जो मन में ||

विविध धर्म के सेवक आते |
दर्शन कर इच्छित फल पाते ||

जै बोलो साईं बाबा की |
जो बोलो अवधूत गुरु की ||

साईंदास आरती को गावे |
घर में बसि सुख, मंगल पावे ||

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