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ओणम (Onam): केरल का प्रिय त्योहार

ओणम (Onam)
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भारत एक ऐसा देश है जो विविधता से भरा हुआ एक खूबसूरत देश है, और इसका प्रमुख प्रतीक भी उसी विविधता में छुपी हुई एकता है।

यहाँ के त्योहार और उनका महत्त्व हमारे देश की अनूठी संस्कृति को प्रकट करती हैं। एक ऐसा ही त्योहार है ओणम (Onam), जो केरल के लोगों का प्रमुख और पसंदीदा त्योहार है।

इस लेख में, हम ओणम (Onam) के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसका महत्व समझेंगे, और कैसे यह त्योहार केरल की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।

ओणम (Onam) क्या है?

ओणम (Onam) का नाम केरल के लोगों के लिए मुख्य धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है। इस त्योहार के माध्यम से, लोग भूमि के प्रति अपना आभार और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिससे अच्छी फसल की प्राप्ति हो।

वे अपने परिवार के सदस्यों के कल्याण और दीर्घायु की कामना के साथ भगवान वामन और उनके प्रिय राजा महाबली से प्रार्थना करते हैं।

और यह हिन्दू पंचांग के अनुसार धान (चावल) के पौधों की खेती के आस-पास मनाया जाता है।

ओणम (Onam) नाम का मतलब होता है “आवागमन,” और यह त्योहार के दौरान केरल के लोग खुशी खुशी अपने घरों को सजाते हैं और विशेष रूप से अपने भोजन कौशल में निपुण होते हैं।

ओणम (Onam) का महत्व

इस त्यौहार का महत्व केरल के लोगों के लिए अत्यधिक है, क्योंकि यह उनके सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का हिस्सा है।

इसे उनकी अति सुन्दर संस्कृति का प्रतीक माना जाता है, और यह उनके समाज की एकता और भाईचारे को प्रोत्साहित करता है।

ओणम (Onam) महोत्सव

जब खेतों में धान (चावल) की फसल पूरी तरह से पक जाती है तब यह त्योहार धान के पौधों की पूजा और उनका धन्यवाद करने के लिए मनाया जाता है।

ओणम (Onam) के दौरान, लोग अपने घरों को सजाते हैं और अपनी सांस्कृतिक प्रतिष्ठा को महत्व देते हैं।

इसके तहत वे अपने घरों के आस-पास खेतों में फूलों के गोले बनाते हैं, जिन्हें “पुक्कलम” कहा जाता है, और विभिन्न रंगों का इस्तेमाल करके खूबसूरत रंगीन आकृतियों को बनाते हैं।

इस त्यौहार को केरल में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।

ओणम (Onam)
ओणम Onam) तिरुवातिराक्कलि नृत्यओणम के दौरान किया जाने वाला तिरुवातिराक्कलि नृत्य

ओणम (Onam) के दौरान खान-पान

ओणम (Onam) के त्यौहार का महत्वपूर्ण हिस्सा इस दौरान बनाये जाने वाला भोजन भी होता है, और यहाँ के लोग अपने पारंपरिक खान-पान का आनंद लेते हैं।

इस दिन खास “सद्या” नामक भोजन बनाया और परोसा जाता है, जिसमें चावल, सांबर, तोरण, पप्पड़म, और दही शामिल होते हैं।

यह सब कुछ बनाने के लिए काफी समय और मेहनत लगती है, लेकिन इसका स्वाद उन सभी कठिनाइयों को भुला देता है।

ओणम (Onam) की परंपराएँ और गीत

ओणम (Onam) का त्योहार न केवल भोजन के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके साथ भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

लोग इसे खुशी-खुशी से मनाते हैं, और उनके घरों में आपसी प्यार और खुशियों का वातावरण होता है।

“ओणम (Onam)” के दौरान, कई प्रकार के गीत भी गाए जाते हैं, जो इस त्योहार को और भी सुंदर बनाते हैं। ये गीत केरल के पारंपरिक संगीत का हिस्सा होते हैं, जो इस त्योहार को विशेष बनाते हैं।

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निष्कर्ष

ओणम (Onam) एक ऐसा त्योहार है जो केरल की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसको मनाने से लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशी-खुशी रहते हैं।

इस त्योहार का संदेश है – सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करो, खुशियों को साझा करने का आनंद लो और ईश्वर द्वारा दिए गए अन्न के लिए ईश्वर के सदैव ऋणी रहो और उनका ध्यावाद करो।

ओणम” एक ऐसा प्रस्ताव है, जिस से हम सभी सीख सकते हैं, चाहे हम दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हों।

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