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नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra): ग्रहों की कृपा और शांति की दिशा में

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra)

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~ सभी नवग्रह देवताओं को कोटि कोटि नमन ~

इस लेख में Navagraha Stotra (नवग्रह स्तोत्र) संस्कृत भाषा में दिया गया है। आप निचे दी गयी विषय सूचि से सीधे इसे चुन कर पढ़ सकते हैं।

Navagraha Stotra (नवग्रह स्तोत्र) श्री वेद व्यास ऋषि द्वारा लिखा गया है और इसमें नौ मंत्र या नौ ग्रहों के मंत्र शामिल हैं।

यह स्तोत्र सभी प्रकार की परेशानियों और कठिनाइयों से मुक्ति पाने और प्रचुर सुख, धन प्राप्त करने और जीवन में अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम है।

Navagraha Stotra (नवग्रह स्तोत्र) से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए भक्त को इस स्तोत्र का प्रतिदिन पूर्ण विश्वास और भक्ति के साथ पाठ करना चाहिए।

चूंकि यह स्तोत्र सीधे तौर पर नवग्रह देवताओं से संबंधित है, इसलिए विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इन नौ ग्रहों या ‘नवग्रह’ का मानव जीवन के मानसिक और भौतिक पहलू पर अधिकतम प्रभाव पड़ता है।

वे किसी भी व्यक्ति के जीवन की सभी गतिविधियों अर्थात शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और जीवन के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शरीर के जन्म के दौरान, इनमें से किसी भी ग्रह की प्रतिकूल स्थिति होने पर जीवन की प्रमुख समस्याएं यानि खराब स्वास्थ्य, खराब मानसिक स्थिति और जीवन के कई क्षेत्रों में गतिरोध का कारण हो सकता है।

ये 9 ग्रह केवल हमारे अपने कर्मों के दर्पण के रूप में कार्य करते हैं जो हमने पिछली कई यात्राओं में किए थे, जो जातक अपने इन जन्मों में किए गए कर्मों का फल भुगत रहा है।

यद्यपि बुरे के लिए ऐसा कोई उपाय नहीं है लेकिन हम अपने पूर्ण विश्वास, भक्ति और अच्छे कर्मों से ग्रहों के देवताओं का दिल जीत सकते हैं।

ऋषि वेद व्यास द्वारा निर्मित यह Navagraha Stotra (नवग्रह स्तोत्र), नवग्रह भजनों की सहायता से हमारे जीवन में ‘नवग्रह’ के बुरे ग्रहों की स्थिति और चाल के बुरे प्रभावों को दूर करने या उससे बचने के लिए बहुत उपयोगी है।

Navagraha Stotra (नवग्रह स्तोत्र) 9 ग्रह का एक सरल मंत्र है और यह जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए बहुत शक्तिशाली उपचार उपकरण के रूप में कार्य करता है।

आकाश में चमकते हुए तारों के बीच छुपे ग्रहों का खेल हमारे जीवन को असर डालता है, चाहे हम उनकी मौजूदगी को महसूस करें या न करें।

नौ ग्रह – सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू, और केतु – हमारे किस्मत, भाग्य, और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालते हैं।

नवग्रहों का महत्व

नवग्रह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालते हैं, और इसीलिए हमें उनके प्रति समर्पण और आभार रखना चाहिए।

इन ग्रहों से यदि हमारा संबंध शुभ होता है, तो हमें शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है, लेकिन यदि यह हमारे विरुद्ध होता है, तो हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का महत्व

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) ग्रहों की शांति और कृपा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रार्थना है। इस स्तोत्र का पाठ करने से नवग्रहों के प्रभाव को शांत किया जा सकता है, जिससे हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है।

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) की महिमा

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का पाठ करने से ग्रहों के प्रति हमारे भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध मजबूत होते हैं। इस प्रार्थना में हम नवग्रहों की प्रशंसा करते हैं और उनके सामर्थ्य को मान्यता देते हैं।

हम उनसे माफी मांगते हैं अगर हमने उनके प्रति किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार किया हो। इस स्तोत्र के माध्यम से हम अपनी भूलों के लिए क्षमा याचना करते हैं और ग्रहों की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का पाठ कैसे करें?

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) को पढ़ने के लिए, आपको सबसे पहले एक शांत जगह पर बैठना चाहिए। फिर आप नवग्रह स्तोत्र को मनोयोग से पढ़ सकते हैं।

आप इसे रोजाना सुबह या शाम के समय पढ़ सकते हैं, जब आपके पास शांति और समय हो।

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) की महत्वपूर्ण जानकारी

नवग्रह स्तोत्र एक प्राचीन और पौराणिक प्रार्थना है जो नवग्रहों के प्रति हमारे आभार और समर्पण का प्रतीक है। यह प्रार्थना हमें ग्रहों की कृपा के लिए आभारी बनाती है और हमारे जीवन को सुखमय और समृद्ध करती है।

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का पाठ करने से हम अपने जीवन में ग्रहों के सुखद प्रभाव को बढ़ा सकते हैं और अधिक शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

इस स्तोत्र के माध्यम से हम ग्रहों के प्रति समर्पण करते हैं और उनके प्रति आभार और श्रद्धा रखते हैं।

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) के लाभ

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का पाठ करने से हमें निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

  • ग्रहों की कृपा: इस स्तोत्र के पाठ से ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है, जिससे हमारे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  • आध्यात्मिक समृद्धि: यह स्तोत्र हमारे आध्यात्मिक सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण है, और इसके पाठ से हम अपने आध्यात्मिक संवाद में सुधार प्राप्त कर सकते हैं।
  • करियर और व्यापार में सफलता: ग्रहों के शांत होने से हमारे करियर और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है, और हम सफलता की ओर अग्रसर होते हैं।
  • सम्पूर्ण स्वास्थ्य: इस स्तोत्र का पाठ करने से हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, और हम तनाव से मुक्त होते हैं।

नवग्रह स्तोत्र के अन्य लाभ (More Benefits of Navagraha Stotra)

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) नवग्रहों को शांत कर सकता है और ग्रहों के किसी भी नकारात्मक कंपन से हमारी रक्षा कर सकते हैं।

जब भक्त नियमित रूप से नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का पाठ करता है तो यह हमारे चारों ओर सकारात्मक स्पंदन उत्पन्न करता है और संबंधित ग्रहों को अनुकूल परिणाम देने के लिए प्रार्थना करता है।

लेकिन अच्छे कर्म करने के साथ-साथ अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए वांछित ग्रह के कर्म अनुशासन का पालन करने की भी आवश्यकता होती है, जैसे केवल अच्छे कर्म ही बुरे कर्म प्रभाव को शांत कर सकते हैं।

ये मंत्र ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं और जातक की मानसिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

भक्तों को मन की शांति भी मिलती है और किसी बुरे विचार से भी दूर रहते हैं। प्रतिदिन नवग्रह स्तोत्र का अभ्यास करने से आप स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बन सकते हैं।

मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए प्रात:काल स्नान के बाद नवग्रहों के चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का पाठ करना चाहिए या फिर मंदिर में स्थित नौ नवग्रहों की मूर्तियों के सामने भी इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

सम्पूर्ण नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra)

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निष्कर्ष

नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का नियमित पाठ करने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है और हम ग्रहों के सुखद प्रभाव को बढ़ा सकते हैं।

इसलिए, आइए हम नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) के माध्यम से ग्रहों की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को खुशहाल और सफल बनाएं।

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