Mahalaxmi Stotra (महालक्ष्मी स्तोत्र) Lyrics
महालक्ष्मी अष्टकम (Mahalaxmi Stotra) देवी लक्ष्मी को समर्पित एक भजन या मंत्र है। वह हिंदू धर्म में धन और समृद्धि की देवी हैं। यह भजन देवी की शक्तियों और महिमा की स्तुति करता है। इस मंत्र का जाप करने से भौतिक सुख के साथ-साथ आध्यात्मिक सुख भी मिलता है और जीवन सफल होता है।
महालक्ष्मी स्तोत्र (Mahalaxmi Stotra) देवी महालक्ष्मी की स्तुति करने के लिए देवों के प्रधान, इंद्र देव द्वारा रचित एक महान स्तोत्रम है। यह स्तोत्र पद्म पुराण में मौजूद है और इसमें आठ श्लोक हैं। ये गीत देवी महालक्ष्मी की दिव्य प्रकृति की व्याख्या करते हैं।
फलस्तुति या इस स्तोत्र के पाठ के लाभों को अंत में तीन अलग-अलग श्लोकों में स्पष्ट रूप से समझाया गया है। माना जाता है कि इस भक्तिपूर्ण अष्टकम को अर्थ के साथ पढ़ने से अधिक लाभ और देवी की कृपा भी मिलती है।
Origin of Mahalaxmi Stotra (महालक्ष्मी स्तोत्र की उत्पत्ति)
पद्म पुराण में सबसे पहले महालक्ष्मी अष्टकम का उल्लेख किया गया है। भगवान इंद्र ने इस मंत्र का उच्चारण किया था। पद्म पुराण भी 18 प्रमुख पुराणों, पवित्र धार्मिक ग्रंथों में से एक है। इसका नाम कमल के नाम पर पड़ा है, जिस पर भगवान ब्रह्मा विराजमान हैं। भगवान इंद्र ने इस श्लोक का पाठ तब किया था जब देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से निकली थीं।
Benefits of Mahalaxmi Stotra (महालक्ष्मी स्तोत्र के लाभ)
जो कोई भी श्रद्धा और भक्ति के साथ महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करता है, उसे भरपूर धन की प्राप्ति होती है और वह अत्यधिक सफल भी होता है।
दिन में एक बार इस स्तोत्र का पाठ करने से आपके सभी पाप नष्ट हो सकते हैं। साथ ही दिन में दो बार पढ़ने से आपके जीवन में समृद्धि आती है।

दिन में तीन बार स्तोत्र का पाठ करना किसी के सबसे बड़े शत्रु – अहंकार को परास्त कर सकता है। हम देवी महालक्ष्मी से हमें मुक्ति दिलाने के लिए आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त करने के करीब होंगे। वह अपने शुभ गुणों के साथ हमारे बीच भी मौजूद रहेंगी।
इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से आपको धनवान, समृद्ध और सुखी बनाने की अद्भुत शक्ति प्राप्त होती है। इस स्तोत्र के पाठ को सुनने से आध्यात्मिक आनंद और मन की शांति मिलती है।
महालक्ष्मी स्तोत्र (Mahalaxmi Stotra) का पाठ करने से निम्नलिखित मुख्य लाभ मिलता है:
- देवी लक्ष्मी आपको धन और समृद्धि प्रदान करेंगी।
- इस मंत्र का नियमित जाप करने से आपको सौंदर्य की प्राप्ति होगी।
- यह शक्तिशाली मंत्र आपको अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देगा।
- यदि आप एक व्यपारी हैं, तो आप मुनाफा कमा सकते हैं।
- यदि आप सेवा में हैं तो आपकी पदोन्नति हो सकती है।
- इस मंत्र के जाप से उत्पन्न स्पंदन सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
Mahalaxmi Stotra (महालक्ष्मी स्तोत्र)
अथ श्री इंद्रकृत श्री महालक्ष्मी अष्टक
॥ श्री महालक्ष्म्यष्टकम् ॥
~ श्री गणेशाय नमः ~
इन्द्र उवाच
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।1।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।2।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।3।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।4।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।5।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।6।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।7।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।8।।
महालक्ष्मी स्तोत्र (Mahalaxmi Stotra) पाठ का फल
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।9।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।10।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।11।।
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