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कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa): भगवान कृष्ण की उपासना का एक दिव्य माध्यम

कृष्णा चालीसा (Krishna Chalisa Lyrics In Hindi)

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~ जय श्री कृष्ण ~

इस लेख में कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) नीचे लिखी गयी है। आप दी गयी विषय सूचि से सीधे इसे चुन कर पढ़ सकते हैं।

कृष्ण के भक्तों के लिए “कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa)” एक महत्वपूर्ण पूजा-पाठ है जिसके माध्यम से वे अपने मन को शुद्धि और शांति प्रदान करते हैं।

कृष्ण हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं। उन्हें विष्णु के आठवें अवतार के रूप में और अपने आप में सर्वोच्च भगवान के रूप में भी पूजा जाता है।

वह सुरक्षा, करुणा, कोमलता और प्रेम के देवता हैं और भारतीय देवताओं में सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से पूजनीय हैं।

कृष्ण का जन्मदिन हर साल कृष्ण जन्माष्टमी पर चंद्र सौर हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में आता है।

भगवान कृष्ण, हिन्दू धर्म में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण और प्रिय देवता माने जाते हैं। उनकी लीलाओं, उपदेश और विचारधारा ने हमारे समाज को एक नये दिशा में मोड़ दिया है।

इस लेख में हम जानेंगे कि कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) क्या है, इसके महत्व और इसके लाभ क्या है और कैसे हम इसके पाठ से भगवान कृष्ण की उपासना कर सकते हैं।

कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa): भगवान कृष्ण की उपासना का उत्तम माध्यम

कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa), भगवान कृष्ण की महिमा और उपासना के लिए एक प्रमुख पाठ है। इसमें कृष्ण के विभिन्न गुणों, लीलाओं और उपदेशों को प्रकट किया जाता है।

इस पाठ के माध्यम से भक्त भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करते हैं और उनकी उपासना करते हैं।

कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) का महत्व आध्यात्मिक उन्नति

कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) के पाठ से हम भगवान कृष्ण की उपासना करते हैं जो हमारे मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि का माध्यम बनती है।

यह पाठ हमें आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में ले जाता है और हमें अपनी आत्मा के मूल्य को समझने में मदद करता है। इसके माध्यम से हम अपने जीवन की भरपूरता को समझते हैं और जीवन को सफलता और खुशियों से भरते हैं।

कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) में कई महत्वपूर्ण चौपाइयां हैं जो भगवान कृष्ण के गुणों, लीलाओं और उपदेशों को प्रकट करती हैं। कुछ ऐसी चौपाइयां भी हैं जो भक्तों के दिलों को छू जाती हैं।

कृष्णा चालीसा के लाभ (Benefits of Krishna Chalisa)

कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) का नियमित पाठ विशेष रूप से कुंडली में केतु ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करने में सहायक होता है।

केतु को मंगल के गुणों को लेने वाला माना जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह जिस घर में स्थित होता है उसे नष्ट कर सकता है।

इसे छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है। यह विशेष रूप से 7 वें घर को प्रभावित करता है, जहां यह भागीदारों और 5 वें घर के बीच संघर्ष का कारण बनता है जो कि बच्चों का घर है।

इसके इस भाव में रहने से गर्भपात हो सकता है या यह बच्चे को माता-पिता से दूर ले जा सकता है। कहा जाता है कि कृष्ण चालीसा में केतु की स्थिति के दुष्प्रभाव को बेअसर करने की शक्ति होती है।

जिन लोगों को गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है, उन्हें केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और गर्भधारण की संभावना बढ़ाने के लिए नियमित रूप से कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) का पाठ करना चाहिए।

यह भी माना जाता है कि चालीसा का पाठ करते समय भगवान कृष्ण के बाल गोपाल रूप पर ध्यान केंद्रित करने से गर्भाधान और स्वस्थ बच्चा होने में मदद मिलती है।

सम्पूर्ण कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa)

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निष्कर्ष

कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) का पाठ करने से हम भगवान कृष्ण की उपासना करते हैं और उनके दिव्य गुणों को याद करते हैं।

इसका पाठ हमें आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में प्रशस्त करता है और हमें कृष्ण के प्रति भक्ति और श्रद्धा की भावना को विकसित करता है।

इसके माध्यम से हम अपने जीवन को पूर्णता और समृद्धि से भर सकते हैं और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

इसलिए, हमें नियमित रूप से कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) का पाठ करना चाहिए और कृष्ण की उपासना से अपने जीवन को सफलता और खुशियों से भरना चाहिए।

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