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Jitiya Vrat Aarti Lyrics (जितिया व्रत आरती)

Jitiya Vrat Katha In Hindi (जितिया व्रत कथा) Jitiya Vrat Aarti Lyrics (जितिया व्रत आरती)

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Jitiya Vrat Aarti Lyrics (जितिया व्रत आरती)

जिवितपुत्रिका व्रत या जितिया व्रत के शुभ अवसर पर, हिंदू माताएं अपने बच्चों के कल्याण के लिए व्रत रखती हैं। यह अनुष्ठान एक माँ के अपने बच्चों के प्रति असीम प्रेम और स्नेह का प्रतीक है।

जिवितपुत्रिका व्रत एक निर्जल व्रत है और माताओं को अपने बच्चों के लंबे और सुखी जीवन के लिए यह व्रत करना चाहिए।जिवितपुत्रिका व्रत के शुभ अवसर पर, हिंदू माताएं अपने बच्चों के कल्याण के लिए व्रत रखती हैं।

यह अनुष्ठान एक माँ के अपने बच्चों के प्रति असीम प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। जिवितपुत्रिका व्रत एक निर्जल व्रत है और माताओं को अपने बच्चों के लंबे और सुखी जीवन के लिए यह व्रत करना चाहिए।

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Benefits of Jitiya Vrat Aarti (जितिया व्रत आरती के लाभ)

जितिया व्रत का पालन, जितिया व्रत कथा और Jitiya Vrat Aarti (जितिया व्रत आरती) करने से भक्तों के बच्चों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  • भक्त के बच्चों को सुख और सुरक्षा का आशीर्वाद मिलेगा।
  • जिवितपुत्रिका व्रत और व्रत आरती करने वाले के बच्चों को समृद्धि और दीर्घायु प्रदान करता है।
  • जिवितपुत्रिका व्रत और व्रत आरती बच्चों के जीवन में सौभाग्य लाता है।
  • संतान को स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होगी।
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Jitiya Vrat Aarti Lyrics (जितिया व्रत आरती)

|| जितिया व्रत की आरती ||

ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप…

सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप…

सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप…

सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप…

कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप…

नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥

ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥

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