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हमारी भारतीय संस्कृति में धार्मिक पर्वों का महत्व अत्यधिक होता है, और इन पर्वों के माध्यम से हम अपने आदिकाल से चले आ रहे धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों का सम्मान करते हैं।
गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) भी एक ऐसा ही पर्व है जिसका महत्व विशेष रूप से हिन्दू धर्म में होता है। यह पर्व गायत्री माता की महत्वपूर्ण भूमिका को याद दिलाता है और हमें आध्यात्मिक साधना का मार्ग दिखाता है।
चलिए, इस लेख में हम जानते हैं कि गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) क्या है और इसका महत्व क्या है। साथ ही यह भी जानेंगे कि इस वर्ष गायत्री जयंती कब है।
गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) का महत्व
गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) का दिन गायत्री मंत्र के आवाहन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, और यह धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है।
इस दिन, लोग गायत्री मंत्र का जप करते हैं और अपने जीवन को आध्यात्मिक दिशा में मोड़ते हैं।
इस वर्ष गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti 2023 Date) कब है?
सनातन धर्म के हिन्दू पचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 30 मई को दोपहर 1 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर 31 मई को दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी।
यह तिथि सनातन धर्म में उदया तिथि के रूप में मानी जाती है।
इसलिए, 31 मई को गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti 2023 Date) और निर्जला एकादशी का महत्व अत्यधिक होता है और इसे धार्मिक त्योहारों के रूप में मनाया जाता है।
गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) के दिन करें गायत्री मंत्र का जाप
गायत्री मंत्र एक प्रमुख वैदिक मंत्र है और यह ऋग्वेद से लिया गया है। इस मंत्र का जप करने से आत्मा को शुद्धि, ज्ञान, और सत्य की प्राप्ति होती है।
गायत्री मंत्र का पाठ विशेष ध्यान और आध्यात्मिक साक्षरता को बढ़ावा देता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।
यह मंत्र इस प्रकार है:
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्।
गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का महत्व
गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का जप ध्यान और आध्यात्मिकता के साथ जुड़ा है। यह मंत्र आत्मा की उन्नति की ओर एक प्राकृतिक कदम होता है, जिससे व्यक्ति अपने आध्यात्मिक लक्ष्य को समझता है।
गायत्री मंत्र का जप आत्मा को शांति और सकारात्मकता की ओर ले जाता है और उसे अपने जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में मदद करता है।

गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) पर्व को कैसे मनाएं?
- गायत्री मंत्र का पाठ: गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) के दिन, लोग गायत्री मंत्र का जप करते हैं। यह आध्यात्मिक साधना में मदद करता है और आत्मा को शांति देता है।
- ध्यान और मेधा यज्ञ: कुछ लोग इस दिन ध्यान और मेधा यज्ञ का आयोजन करते हैं, जिससे उनका मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है।
- दान और सेवा: कुछ लोग गरीबों को दान देते हैं और सेवा का आयोजन करते हैं, जिससे वे अपने सामाजिक दायित्व का पालन करते हैं।
- गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) पर कथा का पाठ: गायत्री माँ का महत्व और महत्वपूर्ण घटनाओं को बताने वाली कथा का पाठ भी किया जाता है।
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निष्कर्ष
गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) एक महत्वपूर्ण पर्व है जो गायत्री मंत्र के महत्व को याद दिलाता है और हमें आध्यात्मिक दृष्टि से मार्गदर्शित करता है।
इस दिन, हम अपने आत्मा की उन्नति की ओर एक कदम और बढ़ते हैं और आत्मा को शांति और सकारात्मकता की ओर ले जाते हैं।
गायत्री मंत्र का जप करके हम अपने जीवन को एक नई दिशा में मोड़ सकते हैं और अपने आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं।
इस गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) पर्व के माध्यम से, हम अपने आध्यात्मिक उन्नति की ओर एक सकारात्मक कदम बढ़ाते हैं और अपने जीवन को संवारने का प्रयास करते हैं।
गायत्री मंत्र का जप करते समय, हमें ध्यान और आत्मा की गहराई में उतरने अद्वितीय अनुभव होता है, जिससे हमारा जीवन सफलता और आनंद से भरा रहता है।
इस गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) पर, हम गायत्री माता की कृपा का आभार व्यक्त करते हैं और उनके आशीर्वाद से हमें आध्यात्मिकता के मार्ग पर अग्रसर होने का मौका मिले, ऐसी प्रार्थना करते हैं।