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गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa): आत्मा की उन्नति का मार्ग

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa Lyrics in Hindi) गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti)
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~ जय गायत्री माँ ~

इस लेख में गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) नीचे लिखी गयी है। आप दी गयी विषय सूचि से सीधे इसे चुन कर पढ़ सकते हैं।

देवी गायत्री की पूजा में सबसे प्रसिद्ध प्रार्थना गायत्री मंत्र है। गायत्री मंत्र, हिन्दू धर्म में एक प्रमुख मंत्र है जो आत्मा की उन्नति और प्राचीन ज्ञान के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत होता है।

इस मंत्र के प्रति भक्ति के रूप में “गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa)” का पाठ करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे गायत्री चालीसा के पाठ से हम अपनी आत्मा को ऊंचाईयों तक ले जा सकते हैं।

गायत्री चालीसा देवी की पूजा करने का एक शक्तिशाली तरीका है – गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa)

देवी गायत्री को दिव्य सार्वभौमिक मां और वेदों की मां (वेदमाता) के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें सभी चीजों से निकलने वाली दिव्य ऊर्जा माना जाता है।

देवी गायत्री का ऐसा चित्रण किया गया है जिसमें उन्हें कमल के फूल पर बैठे पांच चेहरों के साथ दिखाया गया है।

ये पांच चेहरे पांच प्राण और ब्रह्मांड के पांच तत्वों का प्रतीक हैं – पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, और वायु। उनके दस हाथ हैं और उनके हाथों में त्रिदेव – भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, और भगवान शिव के विशेष हथियार होते हैं।

यह देवी की स्तुति में चालीस पद की प्रार्थना है। कहा जाता है कि वेद व्यास जी ने इस चालीसा को सभी वेदों का सार कहा है।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) दिव्यता का प्रतीक

गायत्री चालीसा का पाठ करने से हम अपनी आत्मा की दिव्यता का परिचय प्राप्त करते हैं। इस चालीसा में दिव्य गुणों और शक्तियों का वर्णन किया गया है जो हमें अपनी आत्मा की महत्वपूर्णता और अद्वितीयता को समझने में मदद करते हैं।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) के पाठ से हम अपने आंतरिक स्वरूप को पहचानते हैं और उसके साथ मिलकर दिव्यता की ओर बढ़ते हैं।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) से ज्ञान की प्राप्ति

गायत्री चालीसा का पाठ करने से हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस चालीसा में वेदों की महत्वपूर्णता और ज्ञान के महत्व का वर्णन किया गया है।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) का अर्थ और महत्व हमें यह शिक्षा देता है कि ज्ञान की प्राप्ति केवल बाहरी शिक्षा से ही नहीं होती, बल्कि आत्म स्वरुप को पहचानने से होती है जिसके लिए हम तन मन धन से माँ गायत्री जी की पूजा करते हैं।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) आत्म-साक्षात्कार का स्रोत

गायत्री चालीसा का पाठ करने से हम आत्म-साक्षात्कार की ओर बढ़ते हैं और उसका स्रोत प्राप्त करते हैं। इस चालीसा में आत्म-साक्षात्कार की महत्वपूर्णता और उसके लाभों का वर्णन किया गया है।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) के पाठ से हम अपने आप को माँ के चरणों में समर्पित करते हैं और उनसे सद्बुद्धि और जगत में सभी जीवों के सौहार्द की प्रार्थना करते हैं।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) से सकारात्मकता की दिशा में कदम

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) का पाठ करने से हम अपने जीवन में सकारात्मकता की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। इस चालीसा में आत्म-प्रेम, धैर्य, शांति और सकारात्मक सोच की महत्वपूर्णता का वर्णन किया गया है।

गायत्री मंत्र के पाठ से हम अपनी दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और अपने आसपास के लोगों के जीवन में भी सकारात्मकता को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) से आध्यात्मिक उन्नति

गायत्री चालीसा का पाठ करने से हम आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ते हैं। इस चालीसा में आत्मा की महत्वपूर्णता और उसके आध्यात्मिक विकास की महत्वपूर्णता का वर्णन किया गया है।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) के पाठ से हम अपने आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ते हैं, माँ की आराधना से हम अपने जीवन को आध्यात्मिक दिशा में दिशानिर्देश करते हैं।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) से निष्कलंकता की प्राप्ति

गायत्री चालीसा का पाठ करने से हम अपने आत्मा की निष्कलंकता की प्राप्ति करते हैं। इस चालीसा में आत्मा की निष्कलंकता और मुक्ति की महत्वपूर्णता का वर्णन किया गया है।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) के पाठ से हम अपने आत्मा की मुक्ति की दिशा में बढ़ते हैं और अपने जीवन को सच्चे निर्वाण की दिशा में दिशानिर्देश करते हैं।

गायत्री चालीसा के लाभ (Benefits of Gayatri Chalisa)

गायत्री को वेदमाता के नाम से जाना जाता है। वे सभी वेदों की जननी हैं। गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) पाठ के लिए पूरी तरह से समर्पित व्यक्ति आत्म प्रगति के मार्ग में महान उपलब्धि हासिल करने में सक्षम है।

गायत्री मनुष्य को सही ज्ञान की ओर प्रेरित करती है। लोगों के बौद्धिक क्षेत्र पर जैसे ही गायत्री का दिव्य प्रकाश उदय होता है, बुरे विचारों का अँधेरा, असत्य विश्वास, अपमानजनक दोष दूर होने लगते हैं।

गायत्री निस्संदेह और चमत्कारिक रूप से किसी भी व्यक्ति के मानसिक ढांचे को एक व्यवस्थित, धर्मी और संतुलित व्यक्तित्व में बदल देती है।

एक अच्छी तरह से विकसित दिमाग विचारों को उस क्रिया की ओर ले जाता है जिससे आपको खुशी मिलती है। उसका काम उत्कृष्ट हो जाता है और उसके सुविचारित विचार खुशी, संतुष्टि और सद्भाव बिखेरते हैं।

सम्पूर्ण गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa)

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इस महत्वपूर्ण लेख को भी पढ़ें – Sai Chalisa in Hindi (साईं चालीसा)

निष्कर्ष

गायत्री चालीसा का पाठ करना हमें अपनी आत्मा की महत्वपूर्णता, दिव्यता, ज्ञान, आत्म-साक्षात्कार, सकारात्मकता, आध्यात्मिक उन्नति और निष्कलंकता की ओर ले जाता है।

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) के पाठ से हम अपने जीवन को सच्ची मानवता की दिशा में दिशानिर्देश कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों को भी इसी मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे सकते हैं।

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