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~ जय भैरव बाबा ~
इस लेख में भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) नीचे लिखी गयी है। आप दी गयी विषय सूचि से सीधे इसे चुन कर पढ़ सकते हैं।
भैरव हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले एक शैव देवता हैं। वह विनाश से जुड़े शिव के एक उग्र अवतार हैं। त्रिक प्रणाली में भैरव सर्वोच्च वास्तविकता का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो परब्रह्म का पर्याय है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) भैरव देव की आराधना का एक प्रमुख तरीका है और इसका पाठ दुर्गुणों और दुर्भाग्य से मुक्त करने का संकेत माना जाता है।
आमतौर पर हिंदू धर्म में भैरव को दंडपाणि भी कहा जाता है और उनका वाहन कुत्ता है।
वज्रयान बौद्ध धर्म में, उन्हें बोधिसत्व मंजुश्री का एक भयंकर उत्सर्जन माना जाता है, और उन्हें हेरुका, वज्रभैरव और यमंतक भी कहा जाता है। उन्हें पूरे भारत, नेपाल और श्रीलंका के साथ-साथ तिब्बती बौद्ध धर्म में भी पूजा जाता है।
भगवान शिव के अनुभवशील रूप में प्रस्तुत होने वाले देवता भैरव का नाम सुनते ही भक्ति और आदर की भावना सम्मोहित हो जाती है।
यह चालीसा भक्तों को दुर्भाग्य और असाध्य समस्याओं से मुक्ति प्रदान करने में सहायक है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) से दुर्भाग्य और कष्टों का नाश
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने से हम भैरव देव की अनुपम महिमा का गुणगान करते हैं और उनके प्रति आदर और भक्ति की भावना व्यक्त करते हैं।
यह चालीसा हमें दुर्भाग्य और समस्याओं के प्रति अपने सकारात्मक दृष्टिकोण को मजबूत करने में मदद करती है।
भैरव देव की अनुपम महिमा
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) के प्रारंभ में हम भैरव देव की महिमा का गान करते हैं ताकि हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकें।
उन्हें दुर्भाग्य और कष्टों के नाश के देवता के रूप में माना जाता है, जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और समृद्धि की प्राप्ति का संकेत करते हैं।
उनकी आराधना से दुर्भाग्य के कारणों का नाश होता है और जीवन में सुख शांति की प्राप्ति होती है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ कैसे करें?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने के लिए हमें सुबह-सुबह स्नान करके शुद्ध मन की स्थिति में बैठकर भैरव जी का ध्यान करना चाहिए।
इसके पश्चात्, दिया, धूप, दीपक और पुष्प द्वारा भैरव देव की पूजा करनी चाहिए और फिर चालीसा का पाठ करना चाहिए।
इस चालीसा के नियमित पाठ करने से दुर्भाग्य के कारणों का नाश हो जाएगा और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आना निश्चित है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) की महिमा
भैरव चालीसा का पाठ करने से न केवल दुर्भाग्य का नाश होता है, बल्कि हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का सामर्थ्य भी मिलती है।
भैरव देव जी की अनुकम्पा प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती है और हमारे जीवन में सुख शांति की प्राप्ति होती है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) के फायदे
भैरव चालीसा विभूति, आर्थिक स्थिति, और स्थिरता में सुधार करने में मदद करती है और जीवन को सकारात्मक दिशा की ओर बदल देती है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) के अन्य लाभ (More Benefits of Bhairav Chalisa)
भैरव चालीसा का पाठ नियमित रूप से भगवान भैरव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे शक्तिशाली तरीका है।
सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ सुबह स्नान के बाद और भगवान भैरव की मूर्ति या चित्र के सामने करना चाहिए।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है और आपके जीवन से सभी बुराईयां दूर होती हैं और आप स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनते हैं।
सम्पूर्ण भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa)
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निष्कर्ष
भैरव चालीसा का पाठ करने से हम भैरव देव जी की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में दुर्भाग्य और कष्टों को दूर भगा सकते हैं।
यह चालीसा हमें सकारात्मक दृष्टिकोण की प्राप्ति में मदद करती है और जीवन को सुखमय बनाने में सहायक है।
इसलिए, हमें नियमित रूप से भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करके उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का संकल्प लेना चाहिए।