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👉 पंचांग
~ जय बटुक भैरव जी महाराज ~
इस लेख में बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) संस्कृत भाषा में दिया गया है। आप निचे दी गयी विषय सूचि से सीधे इसे चुन कर पढ़ सकते हैं।
“बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra)” एक प्रमुख आध्यात्मिक स्तोत्र है जो भगवान बटुक भैरव की महिमा और महत्व को प्रकट करता है।
यह स्तोत्र उन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो भगवान बटुक भैरव की आराधना करते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करना चाहते हैं।
बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) के पाठ से भक्त अपने मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति को सुधार सकते हैं और भगवान बटुक भैरव से सम्पूर्ण गुरुत्व और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का महत्व
भगवान भैरव भगवान शिव के सर्वोच्च रूप का एक उग्र अवतार हैं। भगवान काल भैरव के बाल रूप को बटुक भैरव के नाम से जाना जाता है।
बटुक भैरव को शिव के एक रूप, भैरव की सभी शक्तियों का श्रेय दिया जाता है। बटुक भैरव की पूजा गहन तांत्रिक अनुष्ठानों के बिना भी की जा सकती है, जिससे वे गृहस्थ वर्ग के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
बटुक भैरव देवी दुर्गा से भी जुड़े हुए हैं, जहां उन्हें भगवान हनुमान के साथ उनके रक्षक के रूप में दुर्गा के पीछे चलते देखा जा सकता है। इनके पीछे योगिनियां चलती हैं।
बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का महत्वपूर्ण योगदान हिन्दू आध्यात्मिक साहित्य में है, और यह भगवान बटुक भैरव की महिमा और शक्ति का बखान करता है।
इसका पाठ विशेष रूप से भगवान बटुक भैरव की आराधना में किया जाता है। भगवान बटुक भैरव अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का श्रेष्ठता
बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ करने से भगवान भैरव का अद्भुत आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह स्तोत्र भगवान भैरव की आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण साधना है।
इसका पाठ करने से आत्मा का शुद्धीकरण होता है, मन की शांति मिलती है, और व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ता है।
भैरव जी को तंत्र के साथ जोड़कर भी देखा जाता है। कई तांत्रिक साधनाओं द्वारा भी इन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। तंत्र को आध्यात्मिक उन्नति का सबसे तीव्र मार्ग बताया गया है।
जितना यह तीव्र है उतना ही हानिकारक भी है, अगर आप बिना गुरु के तंत्र साधना करते हैं।
बटुक भैरव (Batuk Bhairav) मंत्र
बटुक भैरव (Batuk Bhairav) को प्रसन्न करने के लिए मंत्र निम्नलिखित है:
~ ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ स्वाहा ~
बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) के लाभ
बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ करने से भगवान बटुक भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से कई लाभ होते हैं:
- मानसिक शांति: यह स्तोत्र मानसिक चिंताओं और तनाव को कम करने में मदद करता है।
- आत्मा का शुद्धीकरण: यह स्तोत्र आत्मा को शुद्ध करने में मदद करता है और मनुष्य को आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ाता है।
- आपदा से सुरक्षा: बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) के पाठ से व्यक्ति को आपदाओं से सुरक्षा मिलती है और दुर्भाग्य के प्रभावों से बचाव होता है।
- समृद्धि और सौभाग्य: यह स्तोत्र वित्तीय समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति में मदद करता है।
- आध्यात्मिक जागरूकता: यह स्तोत्र व्यक्ति को आध्यात्मिक जागरूकता प्रदान करता है और उसे आत्मा के गहरे अर्थों को समझने में मदद करता है।
सम्पूर्ण बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra)
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~ श्री बटुक भैरव अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र ~




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निष्कर्ष
बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) भगवान बटुक भैरव की आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण साधना है जो मानसिक शांति, आत्मा का शुद्धीकरण, और आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है।
यह स्तोत्र उन सभी भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो भगवान भैरव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।