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बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa): दिव्य महाविद्या की देवी

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa Lyrics In Hindi)

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~ जय माँ बगलामुखी ~

इस लेख में बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) नीचे लिखी गयी है। आप दी गयी विषय सूचि से सीधे इसे चुन कर पढ़ सकते हैं।

देवी बगलामुखी महत्वपूर्ण महाविद्याओं (महान ज्ञान / विज्ञान) में से एक हैं। देवी बगलामुखी भक्त की भ्रांतियों और भ्रमों (या भक्त के शत्रुओं) को नष्ट करती हैं।

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) का पाठ करने से हम आत्म-विश्वास बढ़ा सकते हैं और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण गुणों की प्राप्ति कर सकते हैं।

“बगला” शब्द “वल्गा” (जिसका अर्थ है – लगाम या लगाम लगाना) शब्द से लिया गया है, जो “वागला” और फिर “बगला” बन गया।

देवी के 108 अलग-अलग नाम हैं। बगलामुखी को आमतौर पर उत्तर भारत में पीतांबरी मां के रूप में जाना जाता है, जो पीले रंग या सुनहरे रंग से जुड़ी देवी है।

वह एक स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान है जिसमें विभिन्न रत्नों से अलंकृत स्तंभ हैं और उनकी तीन आंखें हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि वह भक्त को परम ज्ञान प्रदान कर सकती है।

प्राचीन भारतीय संस्कृति में ध्यान और तपस्या के माध्यम से आत्मा को ऊंचाईयों तक पहुँचाने की अमूल्य परंपरा रही है।

यहाँ तक कि धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों में विभिन्न देवी-देवताओं की चालीसा का महत्व उनके भक्तों के जीवन को सुखमय और सफल बनाने के लिए उजागर होता है।

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) भी इन्हीं मंथनों का हिस्सा है जिसके माध्यम से हम देवी बगलामुखी की कृपा प्राप्त कर आपत्तियों से निपटने में समर्थ हो सकते हैं।

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) का महत्व

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) का पाठ करने से देवी बगलामुखी की कृपा प्राप्त होती है और हम अपनी आपत्तियों और परेशानियों से बच सकते हैं।

यह चालीसा हमें अपराजित शक्ति की प्राप्ति के लिए प्रेरित करती है जो हमें समस्त बुराईयों और कठिनाइयों से सामना करने में सहायक होती है।

यहाँ तक कि शास्त्रों में इस चालीसा के पाठ का विशेष महत्व बताया गया है कि यह शत्रुओं का नाश करने और समस्त बुराईयों को दूर करने में सक्षम है।

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) के पाठ से लाभ

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) के पाठ से हम अपने शत्रुओं का नाश कर सकते हैं और अपने जीवन में समृद्धि और शांति प्राप्त कर सकते हैं।

चालीसा के पाठ का प्रभाव हमें नकारात्मकता से मुक्त करके सकारात्मकता की ओर बढ़ने में सहायक होता है। यह हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण गुणों की प्राप्ति करने में मदद करती है।

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) का पाठ कैसे करें?

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) का पाठ करते समय हमें विशेष ध्यान और समर्पण की आवश्यकता होती है। इसमें देवी बगलामुखी की प्रशंसा और महत्वपूर्ण गुणों का वर्णन किया गया है।

चालीसा का पाठ करने से पहले हमें शुद्धि की भावना रखनी चाहिए और अपने मन में एकाग्रता से चालीसा का पाठ करना चाहिए।

चालीसा का प्रतिदिन नियमित रूप से पाठ करने से हमारे जीवन में अपार बदलाव आ सकता है। इससे हमारी मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है और हम अपनी आपदाओं का समाधान करने में समर्थ होते हैं।

चालीसा के पाठ से हमें आत्म-विश्वास मिलता है और हम अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa): अद्वितीय शक्ति के साथ योग

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) का पाठ करने से हम अपने जीवन में अद्वितीय शक्ति को प्राप्त करते हैं।

इसका बहुत अच्छा प्रभाव हमारे मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति में दिखता है और हम अपनी आपदाओं का समाधान करने में समर्थ होते हैं।

इसी तरह, यह चालीसा हमें अपने जीवन की समस्त चुनौतियों पर परिणामस्वरूप विजयी बनने के लिए आवश्यक शक्तियां से प्रदान करती है।

बगलामुखी चालीसा के लाभ (Benefits of Baglamukhi Chalisa)

माना जाता है कि बंगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) में चमत्कारी शक्तियां होती हैं और इसका पाठ करने से दुश्मनों पर जीत सुनिश्चित होती है।

यदि किसी व्यक्ति या अन्य ताकतों के कारण किसी को अपने जीवन में किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो निश्चित रूप से राहत के लिए इस चालीसा का उपयोग कर सकते हैं।

इस दुनिया में आध्यात्मिक ज्ञान और आदर्श जीवन के मार्ग में आने वाली बाधाओं को इस प्रकार रेखांकित किया गया है।

धर्मी जीवन के पाँच आंतरिक शत्रु हैं, अर्थात् काम (वासना), क्रोध (क्रोध), लोभ (लोभ या लालच), मोह (भौतिकवाद, सांसारिक संबंधों से लगाव) अहंकार (अभिमान)। सभी बुराइयों का मूल कारण अहंकार है।

यदि आपका लक्ष्य आत्म-साक्षात्कार या मोक्ष है तो आपको माँ बगलामुखी की साधना करनी चाहिए क्योंकि वह उपरोक्त सभी शत्रुओं को नष्ट करने के लिए प्रसिद्ध हैं।

इसलिए सभी को जन्म के चक्र को दूर करने के लिए मां बगलामुखी की साधना करनी चाहिए। तो आत्म-साक्षात्कार या मोक्ष इस पवित्र साधना का आध्यात्मिक लाभ है।

भगवान कृष्ण और अर्जुन ने भी इसी कारण से मां बगलामुखी की पूजा की।

सम्पूर्ण बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa)

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निष्कर्ष

बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) के पाठ से हम अपने जीवन को देवी के आशीर्वाद से युक्त और सफल बना सकते हैं।

यह चालीसा हमें आत्मा के विकास में मदद करती है और हमें अपने आत्म-समर्पण की महत्वपूर्णता समझने में सहायक होती है।

इससे हमारे जीवन में सफलता, सुख, शांति और उच्चता की प्राप्ति होती है और हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण गुणों की प्राप्ति करते हैं।

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